Jiya Lage Na

मन तेरा जो रोग, मोहे समझ ना आए
पास है जो, सब छोड़ के दूर को पास बुलाए

जिया लागे ना तुम बिन मोरा
जिया लागे ना तुम बिन मोरा
जिया लागे ना तुम बिन मोरा
जिया लागे ना तुम बिन मोरा

क्या जाने क्यूँ है, क्या जाने कैसी, अनदेखी सी डोर
जो खेंचती है, जो ले चली है
जो खेंचती है, जो ले चली है अब यूँ मुझे तेरी ओर

हो, मैं अनजानी हूँ वो कहानी होगी ना जो पूरी
हो, मैं अनजानी हूँ वो कहानी होगी ना जो पूरी
हो, पास आओगे तो पाओगे
पास आओगे तो पाओगे, फिर भी है एक दूरी

जिया लागे ना तुम बिन मोरा
जिया लागे ना तुम बिन मोरा
जिया लागे ना तुम बिन मोरा
जिया लागे ना तुम बिन मोरा

(जिया)
(जिया)

मन अब तक जो बूझ ना पाया, तुम वो पहेली हो
कोई ना जाने क्या वो रहस् है
कोई ना जाने क्या वो रहस् है जिसकी सहेली हो

हो, मैं मुस्काऊँ, सब से छुपाऊँ, व्याकुल हूँ दिन-रैन
हो, मैं मुस्काऊँ, सब से छुपाऊँ, व्याकुल हूँ दिन-रैन
हो, कब से ना आई नैनों में निंदिया
कब से ना आई नैनों में निंदिया, मन में ना आया चैन

जिया लागे ना तुम बिन मोरा
जिया लागे ना तुम बिन मोरा
जिया लागे ना तुम बिन मोरा
जिया लागे ना तुम बिन मोरा



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Ram Sampath
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