Dheemi Dheemi

धीमी-धीमी, भीनी-भीनी
ख़ुशबू है तेरा बदन

सुलगे, महके, पिघले, दहके
क्यूँ ना बहके मेरा मन?
सुलगे, महके, पिघले, दहके
क्यूँ ना बहके मेरा मन?

वो चली हवा के नशा घुला
है समाँ भी जैसे धुआँ-धुआँ
तेरा रूप है के ये धूप है?
खुले बाल हैं के है बदलियाँ?

तू जो पास है मुझे प्यास है
तेरे जिस्म का एहसास है
तू जो पास है मुझे प्यास है
तेरे जिस्म का एहसास है
तू जो पास है मुझे प्यास है

धीमी-धीमी, भीनी-भीनी
ख़ुशबू है तेरा बदन

सुलगे, महके, पिघले, दहके
क्यूँ ना बहके मेरा मन?
सुलगे, महके, पिघले, दहके
क्यूँ ना बहके मेरा मन?

साँस भी जैसे रुक सी जाती है
तू जो पास आए तो आँच आती है
दिल की धड़कन भी मेरे सीने में लड़खड़ाती है

ये तेरा तन-बदन, कैसी है ये अगन?
ठंडक है जिस्म, तू वो आग है
बलखाती है जो तू, लहराती है जो तू
लगता है ये बदन इक राग है

वो चली हवा के नशा घुला
है समाँ भी जैसे धुआँ-धुआँ
तेरा रूप है के ये धूप है?
खुले बाल हैं के है बदलियाँ?

तू जो पास है मुझे प्यास है
तेरे जिस्म का एहसास है
तू जो पास है मुझे प्यास है
तेरे जिस्म का एहसास है
तू जो पास है मुझे प्यास है

धीमी-धीमी, भीनी-भीनी
ख़ुशबू है तेरा बदन

सुलगे, महके, पिघले, दहके
क्यूँ ना बहके मेरा मन?
सुलगे, महके, पिघले, दहके
क्यूँ ना बहके मेरा मन?



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, A R Rahman
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