Satyagraha

रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता-राम

सत्याग्रह
सत्याग्रह

रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता-राम (सत्याग्रह)
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता-राम

अब तक धीरज माँगा था
प्रभु, अब धीरज मत देना
(प्रभु, अब धीरज मत देना)

सहते जाएँ, सहते जाएँ, सहते जाएँ
ऐसा बल भी मत देना
(ऐसा बल भी मत देना)

उठकर करने हैं कुछ काम
रघुपति राघव राजा राम

रघुपति राघव राजा राम
उठकर करने हैं कुछ काम
रघुपति राघव राजा राम
उठकर करने हैं कुछ काम

तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता
पर जो ज़ुल्म है करता वो कहाँ तुमसे डरता?
तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतर्यामी
पर फिर कैसे होती रहती हर पल ये मनमानी?

घायल है भोला इंसान
रघुपति राघव राजा राम

रघुपति राघव राजा राम
घायल है भोला इंसान
रघुपति राघव राजा राम
घायल है भोला इंसान

(घायल है भोला इंसान)
(घायल है भोला इंसान)

टूट रहा है अब विश्वास
पाँच वर्ष धुँधला आकाश
कौन द्वार हम खटकाएँ?
कौन से वादे दोहराएँ?
आम आदमी कितना...
रघुपति राघव राजा राम

हाँ, घर से निकले हैं इस बार
तन, मन, धन, सब हैं तैयार
ख़ाली हाथ ना लौटेंगे
तय करके आए इस बार

अंदर एक सिपाही है
जिसने ली अंगड़ाई है
अब तक सोया-सोया था
सपनों में ही खोया था

बहुत हो गया है विश्राम
रघुपति राघव राजा राम
रघुपति राघव राजा राम
रघुपति राघव राजा राम

रघुपति राघव राजा राम
घायल है भोला है इंसान
रघुपति राघव राजा राम
उठकर करने हैं कुछ काम

रघुपति राघव राजा राम
घायल है भोला है इंसान
रघुपति राघव राजा राम
उठकर करने हैं कुछ काम

रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम



Credits
Writer(s): Sulaiman Sadruddin Moledina Merchant, Salim Sadruddin Moledina Merchant, Prasoon Joshi
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