Aap Ko Samjha

हाँ, आप को समझा है जब से ज़िंदगी
आप को समझा है जब से ज़िंदगी
ज़िंदगी अब ज़िंदगी लगने लगी
ज़िंदगी अब ज़िंदगी लगने लगी

आप की बाँहों में जब से आ गए
आप की बाँहों में जब से आ गए
ऐसा लगता है के मंज़िल पा गए
ऐसा लगता है के मंज़िल पा गए

इन आँखों में शरारत है, शराफ़त है
हैं बला की शोख़ियाँ, कैसी ये क़यामत है
इन आँखों में शरारत है, शराफ़त है
हैं बला की शोख़ियाँ, कैसी ये क़यामत है

इस कदर नज़दीकियाँ कहती हैं इशारों से
आ गए मंज़िल पे हम इन दिल की राहों से

हाँ, आप की हर बात में इक बात है
आप की हर बात में इक बात है
देर से समझें, मगर क्या बात है!
देर से समझें, मगर क्या बात है!

कई अरमान दिल में और उलझन ये
जानलेवा है मोहब्बत ये, मोहब्बत ये
कई अरमान दिल में और उलझन ये
जानलेवा है मोहब्बत ये, मोहब्बत ये

हाँ, आ गए हम ज़िंदगी में एक ऐसे मोड़ पर
जी नहीं सकते मोहब्बत का ये दामन छोड़ कर

आप की इस आशिक़ी को क्या कहें?
आप की इस आशिक़ी को क्या कहें?
अपने इस दिल की लगा का क्या करें?
अपने इस दिल की लगा का क्या करें?

हाँ, आप को समझा है जब से ज़िंदगी
आप की बाँहों में जब से आ गए
ज़िंदगी अब ज़िंदगी लगने लगी
हाँ, ऐसा लगता है के मंज़िल पा गए



Credits
Writer(s): Sudhakar Sharma
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