Hai Bahar-e-Bagh Duniya Chand Roz

है बहार-ए-बाग़ दुनिया चंद रोज़, चंद रोज़
है बहार-ए-बाग़ दुनिया चंद रोज़
देख लो इसका तमाशा चंद रोज़, चंद रोज़
(है बहार-ए-बाग़ दुनिया चंद रोज़, चंद रोज़)
(है बहार-ए-बाग़ दुनिया चंद रोज़)

लाख दारा और सिकंदर हो गए
आज बोलो वो कहाँ सब खो गए?
आई हिचकी मौत की, और सो गए
आई हिचकी मौत की, और सो गए

हर किसी का है बसेरा चंद रोज़, चंद रोज़
(है बहार-ए-बाग़ दुनिया चंद रोज़, चंद रोज़)
(है बहार-ए-बाग़ दुनिया चंद रोज़)

कल तलक रंगीं बहारें थीं जहाँ
आज क़ब्रों के वहाँ देखे निशाँ
रंग बदले हर घड़ी ये आसमाँ
रंग बदले हर घड़ी ये आसमाँ

ऐश-ओ-ग़म जो कुछ भी देखा चंद रोज़, चंद रोज़
(है बहार-ए-बाग़ दुनिया चंद रोज़)

क्या मिलेगा दिल किसी का तोड़ के?
ले दुआ टूटे दिलों को जोड़ के
जा, मगर कुछ याद अपनी छोड़ के
जा, मगर कुछ याद अपनी छोड़ के

हो तेरा दुनिया में चर्चा चंद रोज़, चंद रोज़
(है बहार-ए-बाग़ दुनिया चंद रोज़, चंद रोज़)
(देख लो इसका तमाशा चंद रोज़, चंद रोज़)
(है बहार-ए-बाग़ दुनिया चंद रोज़, चंद रोज़)
(है बहार-ए-बाग़ दुनिया चंद...)



Credits
Writer(s): Rajinder Krishan, Ravi Shankar
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