Bas Ek Chup Si Lagi Hai (Male) [From "Sannata"]

बस एक चुप सी लगी है
नहीं, उदास नहीं
कहीं पे साँस रुकी है
नहीं, उदास नहीं
बस एक चुप सी लगी है

कोई अनोखी नहीं ऐसी ज़िंदगी
लेकिन खूब ना हो
कोई अनोखी नहीं ऐसी ज़िंदगी
लेकिन खूब ना हो

मिली जो खूब मिली है
नहीं, उदास नहीं
बस एक चुप सी लगी है

सहर भी, ये रात भी
दोपहर भी मिली, लेकिन
सहर भी, ये रात भी
दोपहर भी मिली, लेकिन
हमीं ने शाम चुनी

हमीं ने शाम चुनी है
नहीं, उदास नहीं
बस एक चुप सी लगी है

वो दास्ताँ जो हमने कही भी
हमने लिखी
वो दास्ताँ जो हमने कही भी
हमने लिखी

आज वो ख़ुद से सुनी है
नहीं, उदास नहीं
बस एक चुप सी लगी है



Credits
Writer(s): Gulzar, Hemant Kumar
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link