Yeh Mera Prem Patra (From "Sangam")

मेहरबाँ लिखूँ, हसीना लिखूँ या दिलरुबा लिखूँ?
हैरान हूँ कि आपको इस ख़त में क्या लिखूँ

ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर के तुम नाराज़ ना होना
कि तुम मेरी ज़िंदगी हो, कि तुम मेरी बंदगी हो
ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर के तुम नाराज़ ना होना
कि तुम मेरी ज़िंदगी हो, कि तुम मेरी बंदगी हो

तुझे मैं "चाँद" कहता था, मगर उसमें भी दाग है
तुझे मैं "चाँद" कहता था, मगर उसमें भी दाग है
तुझे "सूरज" मैं कहता था, मगर उसमें भी आग है
तुझे इतना ही कहता हूँ कि मुझ को तुम से प्यार है
तुम से प्यार है, तुम से प्यार है

ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर के तुम नाराज़ ना होना
कि तुम मेरी ज़िंदगी हो, कि तुम मेरी बंदगी हो

तुझे गंगा मैं समझूँगा, तुझे जमुना मैं समझूँगा
तुझे गंगा मैं समझूँगा, तुझे जमुना मैं समझूँगा
तू दिल के पास है इतनी, तुझे अपना मैं समझूँगा
अगर मर जाऊँ, रूह भटकेगी तेरे इंतज़ार में
इंतज़ार में, इंतज़ार में

ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर के तुम नाराज़ ना होना
कि तुम मेरी ज़िंदगी हो, कि तुम मेरी बंदगी हो
ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर के तुम नाराज़ ना होना
कि तुम मेरी ज़िंदगी हो, कि तुम मेरी बंदगी हो



Credits
Writer(s): Hasrat Jaipuri, Shankar Jaikishan
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