Sine Mein Sulagata Hai Dil

सीने में सुलगता है दिल, ग़म से पिघलता है दिल
जितने भी आँसू हैं बहें, उतना ही जलता है दिल
कैसी है ये अगन? कैसी है ये जलन?
कैसी बारिश हुई? जल गया है चमन

कैसा ये सितम हो गया?
पाया जिसे था वो खो गया
लगता है नसीब मेरा हमेशा के लिए सो गया
कैसी है ये अगन? कैसी है ये जलन?
कैसी बारिश हुई? जल गया है चमन

मैं हूँ और यादों की है परछाईयाँ
ठोकरें हैं और हैं रुसवाईयाँ
दूर तक कुछ भी नज़र आता नहीं
हर तरफ़ फैली हैं बस तनहाईयाँ

जलते थे जो मेरे लिए बुझ गए वो सारे दीएँ
तू ही ये बता दे ज़िन्दगी कब तक कोई जिए
कैसी है ये अगन? कैसी है ये जलन?
कैसी बारिश हुई? जल गया है चमन

छा गई ग़म की घटाएँ क्या करूँ?
रो रहीं हैं ये हवाएँ क्या करूँ?
घोलती थी रस जो कानों में कभी
खो गई हैं वो सदाएँ क्या करूँ?

जाने अब जाना है कहाँ
आँखों में है जैसे धुआँ
मिलते नहीं हैं रास्ते मिट गए सारे निशाँ
कैसी है ये अगन? कैसी है ये जलन?
कैसी बारिश हुई? जल गया है चमन

सीने में सुलगता है दिल, ग़म से पिघलता है दिल
जितने भी आँसू हैं बहें, उतना ही जलता है दिल
कैसी है ये अगन? कैसी है ये जलन?
कैसी बारिश हुई? जल गया है चमन



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Nagrath Rajesh Roshan
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