Udaan (Nadi Mein Talab Hai)

नदी में तलब है कहीं जो अगर
समंदर कहाँ दूर है
दमकती गरज़ है सोने में अगर
तो जलना भी मंजूर है

एक उड़ान कब तलक यु कैद रहेगी
रोको ना छोड़ दो इसे
एक उड़ान ही सपनो को ज़िंदगी देगी
सपनो से जोड़ दो इसे

पुरानी दलीलो रस्मों को सभी
अभी से कहे अलविदा
बदलते दीनो के तरीकों से
सींचे हम नया गुलसिता

एक उड़ान कब तलक यु कैद रहेगी
रोको ना छोड़ दो इसे
एक उड़ान ही सपनो को ज़िंदगी देगी
सपनो से जोड़ दो इससे

एक उड़ान कब तलक यु कैद रहेगी

रोको ना छोड़ दो इसे
एक उड़ान ही सपनो को ज़िंदगी देगी
सपनो से जोड़ दो इसे



Credits
Writer(s): Amitabh Bhattacharya
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