Mujhe Pyar Do

मुझे प्यार दो, मुझे प्यार दो
दिल बेक़रार है, प्यार दो
बरसों किया है मैंने इंतज़ार
मुझे प्यार दो, मुझे प्यार दो

ये आशिक़ी तुझ से शुरू, तुझ पे ख़तम
ये आशिक़ी तुझ से शुरू, तुझ पे ख़तम
ये शायरी तुझ से शुरू, तुझ पे ख़तम

तेरे लिए ही साँसें मिली हैं
तेरे लिए ही मिला है जनम

ये ज़िंदगी तुझ से शुरू, तुझ पे ख़तम
ये आशिक़ी तुझ से शुरू, तुझ पे ख़तम

मुझे प्यार दो, मुझे प्यार दो
दिल बेक़रार है, प्यार दो
बरसों किया है मैंने इंतज़ार
मुझे प्यार दो, मुझे प्यार दो

तुम मेरे हाथों में प्रेम लकीर जैसी हो
मैं दीवाना राँझा, तुम हीर जैसी हो
तुम ऐसी बातों से बेक़रार करते हो
मेरे सब्र का आँचल तार-तार करते हो

जाओ ना, इस तरह बाँहों से छूट के
चाहूँगी मैं तुम्हें अब, सनम, टूट के

तेरी वफ़ा के बदले मिले तो
मंज़ूर हैं हर सितम

ये मौसीक़ी तुझ से शुरू, तुझ पे ख़तम
ये आशिक़ी तुझ से शुरू, तुझ पे ख़तम

मुझे प्यार दो, मुझे प्यार दो
दिल बेक़रार है, प्यार दो
बरसों किया है मैंने इंतज़ार
मुझे प्यार दो, मुझे प्यार दो

हर पल तन्हाई में तुम्हें याद करता था
अपनी सूनी दुनिया मैं आबाद करता था
मैं भी तो होंठों से पैग़ाम लिखती थी
कोरे से काग़ज़ पे तेरा नाम लिखती थी

दर्द के वो सभी सख़्त मौसम गए
हम मिले तो लगा, पल यहीं थम गए

अब ना जुदा हों सपने हमारे
जब तक रहे दम में दम

ये बेख़ुदी तुझ से शुरू, तुझ पे ख़तम
ये आशिक़ी तुझ से शुरू, तुझ पे ख़तम

मुझे प्यार दो, मुझे प्यार दो
दिल बेक़रार है, प्यार दो
बरसों किया है मैंने इंतज़ार
मुझे प्यार दो, मुझे प्यार दो

मुझे प्यार दो, मुझे प्यार दो
दिल बेक़रार है, प्यार दो
बरसों किया है मैंने इंतज़ार
मुझे प्यार दो, मुझे प्यार दो



Credits
Writer(s): Sameer
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