Dekhte Dekhte Ek Dhuan Chha Gaya

देखते-देखते एक धुआँ छा गया
ये ज़मीं खो गई, आसमाँ खो गया
जाने क्या हो गया
देखते-देखते...

एक क्या, सब नज़ारे पिघलने लगे
जागते ख़्वाब आँखों में जलने लगे

कोई साँसों में...
कोई साँसों में एक दर्द सा बो गया
जाने क्या हो गया
देखते-देखते...

कोई बहती नदी रूह में थम गई
बर्फ़ बन के लबों पर सदा जम गई

गीत जागा, मगर...
गीत जागा, मगर जाग कर सो गया
जाने क्या हो गया
देखते-देखते...

दिल की धड़कन से गूँजी ये तनहाइयाँ
दूर तक सिर्फ़ अश्कों की परछाइयाँ

कोई चुपके से...
कोई चुपके से इस ख़ाक पर रो गया
जाने क्या हो गया

देखते-देखते एक धुआँ छा गया
ये ज़मीं खो गई, आसमाँ खो गया
जाने क्या हो गया



Credits
Writer(s): Jan Nisar Akhtar, Salil Choudhury
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