Raat Ke Barah Baje (From "Mujrim")

रात के बारह बजे
चौक में हळद मान्छे
रात के बारह बजे
चौक में हळद मान्छे
लोगो की पोल खुल
पोल खुली पोल खुले
कोई न यहाँ बचे
यहाँ बच्चे यहाँ बचे
रात के बारह बजे
चौक में हळद मान्छे
रात के बारह बजे
चौक में हळद मान्छे

भैया तुम्हारा कितना दयालु
सबको खिलाता है पूरी आलू
भैया तुम्हारा कितना दयालु
सबको खिलाता है पूरी आलू
भौंए बाराती को राबड़ी खिलाई
धोबन को हलवा चाकहए
रानी भाभी बेचारी भूखी ही रह गयी
रात के बारह बजे
चौक में हळद मान्छे
रात के बारह बजे
चौक में हळद मान्छे

भाभी तुम्हारी लगती है भोली
लेकिन है ये बन्दुक की गोली
भैया तू छोड़ भाभी का बोल
भाभी तुम्हारी लगती है भोली
लेकिन है ये बन्दुक की गोली
घडी घडी साड़ी का पल्लू गिराये
देवर को ऊँगली में नचाये
दूर खड़ा हाथ मेल भैया
रात के बारह बजे
चौक में हळद मान्छे
रात के बारह बजे
चौक में हळद मान्छे

कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना
चाचा हमारा आशिक पुराण
नाच रे चाचा अरे नाच रे चाचा
प्यार पड़ोसन से करे बंगले में जेक
देख लिया चची ने जंगल पे आके
उस दिन से चाचा न बिस्तर से उठे
रात के बारह बजे
चौक में हळद मान्छे
रात के बारह बजे
चौक में हळद मान्छे

दुबई में मामा मामी सूरत में
पैदा हुआ बच्चा साडी हैरत में
क्यों रे मामि वाह रे मामि
दुबई में मामा मामी सूरत में
पैदा हुआ बच्चा साडी हैरत में
कैसा हुआ बच्चा हमको बताओ
इस हादसे की कहानी सुनाओ
मम्मी बोली मम्मी बोली
मां ने चिठ्ठी में भेजा इसे
रात के बारह बजे
चौक में हळद मान्छे
रात के बारह बजे
चौक में हळद मान्छे.



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Pyarelal Ramprasad Sharma, Laxmikant Kudalkar
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