Kaise Kaise Haadse Sahte Rahe

कैसे कैसे हादसे सहते रहे
फिर भी हम जीते रहे हँसते रहे
कैसे कैसे हादसे सहते रहे

उसके आ जाने की उम्मीदें लिए
रास्ता मुड़ मुड़ के हम तकते रहे
कैसे कैसे हादसे सहते रहे

वक़्त तो गुज़रा मगर कुछ इस तरह
हम चराग़ों की तरह जलते रहे
कैसे कैसे हादसे सहते रहे

कितने चेहरे थे हमारे आस-पास
तुम ही तुम दिल में मगर बसते रहे
कैसे कैसे हादसे सहते रहे
फिर भी हम जीते रहे हँसते रहे
कैसे कैसे हादसे सहते रहे



Credits
Writer(s): Jagjit Singh, Wajida Tabassum
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