Tujhe Kya Khabar Mere Humsafar

तुझे क्या ख़बर मेरे हमसफ़र, मेरा मरहला कोई और है
तुझे क्या ख़बर मेरे हमसफ़र, मेरा मरहला कोई और है
मुझे मंज़िलों से गुरेज़ है मेरा रास्ता कोई और है
तुझे क्या ख़बर मेरे हमसफ़र, मेरा मरहला कोई और है

मेरी चाहतों को न पूछिए, जो मिला तलब के सिवा मिला
मेरी चाहतों को न पूछिए, जो मिला तलब के सिवा मिला
मेरी दास्ताँ ही अजीब है, मेरा मसला कोई और है
तुझे क्या ख़बर मेरे हमसफ़र, मेरा मरहला कोई और है

वो रहीम है, वो करीम है, वो नहीं कि ज़ुल्म सदा करे
वो रहीम है, वो करीम है, वो नहीं कि ज़ुल्म सदा करे
है यक़ीं ज़माने को देखकर कि यहाँ ख़ुदा कोई और है
तुझे क्या ख़बर मेरे हमसफ़र, मेरा मरहला कोई और है

मैं चला कहाँ से ख़बर नहीं, इस सफ़र में है मेरी ज़िन्दगी
मैं चला कहाँ से ख़बर नहीं, इस सफ़र में है मेरी ज़िन्दगी
मेरी इब्तदा कहीं और है मेरी इंतहा कोई और है।
तुझे क्या ख़बर मेरे हमसफ़र, मेरा मरहला कोई और है

मेरा नाम दर्शन - ए - खास्तातन, मेरे दिल में है कोई ज़ोफ़िगन
मेरा नाम दर्शन - ए - खास्तातन, मेरे दिल में है कोई ज़ोफ़िगन
मैं हूँ गुम किसी की तलाश में मुझे ढूँढता कोई और है
तुझे क्या ख़बर मेरे हमसफ़र, मेरा मरहला कोई और है
मुझे मंज़िलों से गुरेज़ है, मुझे मंज़िलों से गुरेज़ है
मेरा रास्ता कोई और है
तुझे क्या ख़बर मेरे हमसफ़र, मेरा मरहला कोई और है



Credits
Writer(s): Ghulam Ali, Sant Darshan Singh
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