Utha Suraahi

उठा सुराही, ये शीशा-ओ-जाम ले, साक़ी
उठा सुराही, ये शीशा-ओ-जाम ले, साक़ी
फिर उसके बाद ख़ुदा का भी नाम ले, साक़ी
उठा सुराही, ये शीशा-ओ-जाम ले, साक़ी

फिर उसके बाद हमें तिश्नगी रहे ना रहे
फिर उसके बाद हमें तिश्नगी रहे ना रहे
फिर उसके बाद हमें तिश्नगी रहे ना रहे

कुछ और देर मुरव्वत से काम ले, साक़ी
कुछ और देर मुरव्वत से काम ले, साक़ी
उठा सुराही, ये शीशा-ओ-जाम ले, साक़ी

फिर उसके बाद जो होगा, वो देखा जाएगा
फिर उसके बाद जो होगा, वो देखा जाएगा
फिर उसके बाद जो होगा, वो देखा जाएगा

अभी तो पीने-पिलाने से काम ले, साक़ी
अभी तो पीने-पिलाने से काम ले, साक़ी
उठा सुराही, ये शीशा-ओ-जाम ले, साक़ी

तेरे हुज़ूर में होश-ओ-ख़िरद से क्या हासिल?
तेरे हुज़ूर में होश-ओ-ख़िरद से क्या हासिल?
तेरे हुज़ूर में होश-ओ-ख़िरद से क्या हासिल?

नहीं है मय तो निगाहों से काम ले, साक़ी
नहीं है मय तो निगाहों से काम ले, साक़ी
उठा सुराही, ये शीशा-ओ-जाम ले, साक़ी



Credits
Writer(s): Ghanshyam Vaswani, Kanwar Mohinder Singh Bedi (sahar)
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