Aa Bhi Jaa Tu Kahin Se

छुप गईं शामें किस गली जाने
छुप गईं शामें किस गली जाने
हो गए तुम जुदा यूँ धीरे-धीरे
गिर गईं हाथ से जैसे लकीरें

हवाएँ रोज़ आते-जाते सुनाएँ मुझे तेरी बातें
ये मेरे रात-दिन कुछ ख़ास होते
शर्त ये है अगर तुम पास होते

आ भी जा तू कहीं से, आ भी जा
आ भी जा तू कहीं से, आ भी जा

आज भी तेरे नाम पर जुगनूँ सी जलें आँखें मेरी
ओ, आज भी तेरी साँसों से है लिपटी हुईं साँसें मेरी
हो, देख ले कुछ भी तो नहीं बदला तेरे-मेरे दरमियाँ

आ भी जा तू कहीं से, आ भी जा
आ भी जा तू कहीं से, आ भी जा

जोड़ के, मैंने जोड़ के रखी हैं सभी यादें तेरी
ओ, तू गई, जब से तू गई, सोई ही नहीं रातें मेरी
हो, जल गईं, देखो जल गईं तारे गिन के मेरी उँगलियाँ

आ भी जा तू कहीं से, आ भी जा (आ भी जा तू कहीं से, आ भी जा)
आ भी जा तू कहीं से, आ भी जा (आ भी जा तू कहीं से, आ भी जा)
आ भी जा तू कहीं से, आ भी जा (आ भी जा तू कहीं से, आ भी जा)
आ भी जा तू कहीं से, आ भी जा (आ भी जा तू कहीं से, आ भी जा)



Credits
Writer(s): Jeet Ganguly, Manoj Muntashir Shukla
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