Sapney

सपने टूट गएँ क्यूँ? अपने रूठ गएँ क्यूँ?
राहें रुक गई क्यूँ? ज़िन्दगी थम गई क्यूँ?
क्यूँ ग़ुम हुई मेरी आँखें नम?

हो, सपने टूट गएँ क्यूँ? अपने रूठ गएँ क्यूँ?
राहें रुक गई क्यूँ? ज़िन्दगी थम गई क्यूँ?
क्यूँ ग़ुम हुई मेरी आँखें नम?

खुशी क्यूँ नहीं रहती हरदम?
खुशी क्यूँ नहीं रहती हरदम?
नहीं रहती है ये खुशी हरदम

कहाँ जाऊँ, पता नहीं
क्या कहूँ? कुछ बचा ही नहीं
कौन सी उम्मीद से दिल बहलाऊँ?
हँसने के लिए क्या बहाने बनाऊँ?

राहें रुक गई क्यूँ? ज़िन्दगी थम गई क्यूँ?
क्यूँ ग़ुम हुई मेरी आँखें नम?

खुशी क्यूँ नहीं रहती हरदम?
खुशी क्यूँ नहीं रहती हरदम?
नहीं रहती है ये खुशी हरदम

कहाँ ढूँढूँ, कहाँ नहीं
लापता हूँ मैं यहीं पे कहीं
दूर तक खुद को मैं तनहा ही पाऊँ
सपने सच मैं कैसे कर के दिखाऊँ?

राहें रुक गई क्यूँ? ज़िन्दगी थम गई क्यूँ?
क्यूँ ग़ुम हुई मेरी आँखें नम?

खुशी क्यूँ नहीं रहती हरदम?
खुशी क्यूँ नहीं रहती हरदम?
नहीं रहती है ये खुशी हरदम



Credits
Writer(s): 0, Monty Sharma
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