Kanha Mere Kahna - Female Version

कान्हा, मेरे कान्हा, दुख की घड़ी है
कासे कहूँ मैं? विपदा पड़ी है
तू ही तू पालनहार, तू ही तू तारणहार

कैसी परीक्षा? सब तेरी इच्छा
दुख की हूँ मारी, हे त्रिपुरारी
तू ही तू पालनहार, तू ही तू तारणहार

मन में बसेरा, फिर क्यूँ अँधेरा?
भर दो उजाला, हे नंदलाला

तू ही तू पालनहार, तू ही तू तारणहार
तू ही तू पालनहार, तू ही तू तारणहार

हो, कान्हा मेरे, तू सर्वव्यापी, तेरी अद्भुत है माया
हो, तुम विराट कभी रूप धरे, कभी धरे लघुकाया
खींचत चीर दुशासन हारे, डूबत गज को छन में उबारे

कान्हा मेरे, तू सर्वव्यापी, तेरी अद्भुत है माया
हो, तुम विराट कभी रूप धरे, कभी धरे लघुकाया

तू पालनहार
तू तारणहार
तू तारणहार



Credits
Writer(s): Dr Sagar, Vipin Patwa
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