Chhalakata Hamro Jawaniya ("Bhojpuriya Raja")

छलकत
जो बोली आयी

छलकत हमरो जवनिया ऐ राजा
ऐ छलकत हमरो जवनिया ऐ राजा
जइसे की बलटी के पनिया हो
कुछो बोली

हो रानी हमहू ओबेरलोड बानी हो
आवा धाली
रानी हमहू ओबेरलोड बानी हो
आवा धाली

रउवा बानी तइयार हमहू बानी तइयार
आई ओढ़ी के ओढ़नी कटी जानी
कली जवन कारे मन सब रउरे बा धन
राजा कहिये से हम ई जोगयले बानी

रानी फेरा में जब से तोहरे लागल बानी
जाने हम कितना रतिया अस ही जागल बानी

रउवेला राजा हम त खटिया बिछवनी
देखि लगा के मच्छर दनिया हो
चली चली
ह हा
ऐ रानी हमहू ओबेरलोड बानी हो
आवा धाली
रानी हमहू ओबेरलोड बानी हो
आवा धाली

निमन मिलल बिस्तर
जानी करी इ बेकार तनि मोका के फायदा
उठाई आई
आपन सीना से सटा के
दूरी सगरो मिटा के राजा
होठवा से होठवा सटाई आई
लागे एक ही दिनवा में हमके तार देबु हो
सारा लब के खजाना आजवे झार लेबु हो

रउरे ला हाजिर बाड़ी रउरे ई रनिया
दूसर के करी छेदखनिया
हो कुछो करली
ओ हो
रानी हमहू ओबेरलोड बानी हो
आवा धाली
ऐ रानी हमहू ओबेरलोड बानी हो
आवा धारली



Credits
Writer(s): Azad Singh, Madhukar Anand
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