Karm Kaho Qismat Kaho

"करम" कहो, "क़िस्मत" कहो
चाहे कहो "तक़दीर"
पहले बना प्रारब्ध
और पाछे बना शरीर

करम की गठड़ी लाद के
जग में फिरे इंसान
जैसा करे, वैसा भरे
विधि का यही विधान

करम करे, क़िस्मत बने
जीवन का ये मरम
प्राणी, तेरे हाथ में
तेरा अपना करम



Credits
Writer(s): Bharat Vyas, Rahul Dev Burman
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