Ek Aarzoo Hai Dil Mein

एक आरज़ू है दिल में, हम भी किसी के हो लें
दस्तक ना दी किसी ने, दरवाज़ा फिर भी खोलें
एक आरज़ू है दिल में, हम भी किसी के हो लें
दस्तक ना दी किसी ने, दरवाज़ा फिर भी खोलें

हर कोई वाह कह दे, हर कोई वाह कह दे
हर कोई वाह कह दे, बोलें तो ऐसा बोलें
हर कोई वाह कह दे, बोलें तो ऐसा बोलें
दिल से कोई सुने तो दिल की ज़ुबान बोले
दिल से कोई सुने तो दिल की ज़ुबान बोले

अश्कों का हक़ अदा हो, हो-हो
अश्कों का हक़ अदा हो, पलकें ही अब भिगो लें
दस्तक ना दी किसी ने, दरवाज़ा फिर भी खोलें
एक आरज़ू है दिल में...

ख़ून-ए-जिगर क़तरे, ख़ून-ए-जिगर क़तरे
ख़ून-ए-जिगर क़तरे बन जाएँ काश मोती
ख़ून-ए-जिगर क़तरे बन जाएँ काश मोती
जिनको किसी के दिलकश गेसू में हम पिरो लें
जिनको किसी के दिलकश गेसू में हम पिरो लें

यादें किसी की मेरी, हो-हो
यादें किसी की मेरी नींदें उड़ा चुकी हैं
आँखों में ख़्वाब भर के जागी नज़र से सो लें
एक आरज़ू है दिल में...

पाया है आज तुझको, पाया है आज तुझको
पाया है आज तुझको, हम ख़ुद को आज खो लें
पाया है आज तुझको, हम ख़ुद को आज खो लें
दामन मिला तुम्हारा, जी-भर के आज रो लें
दामन मिला तुम्हारा, जी-भर के आज रो लें

नज़रों से बात होगी, हो-हो
नज़रों से बात होगी, हम क्यूँ ज़ुबान खोलें?
बरसों के बाद यूँ ही चलिए मकान खोलें
एक आरज़ू है दिल में, हम भी किसी के हो लें
दस्तक ना दी किसी ने, दरवाज़ा फिर भी खोलें



Credits
Writer(s): Ravi Pawar, Harsh Brahmbhatt
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