Rim Jhim Barasta Bahar Ye Paani

रिमझिम बरसता बाहर ये पानी
अंदर आग लगी है
रिमझिम बरसता बाहर ये पानी
अंदर आग लगी है

इस आग में जलकर ही बुझेगी
ऐसी प्यास जगी है

रिमझिम बरसता बाहर ये पानी
अंदर आग लगी है
इस आग में जलकर ही बुझेगी
ऐसी प्यास जगी है

रिमझिम बरसता बाहर ये पानी
अंदर आग लगी है

एक बूँद ये सागर से पड़ी
एक बूँद ये सागर से पड़ी
बरखा में मेरे तन पे पड़ी
हो, बरखा में मेरे तन पे पड़ी

इस बूँद में ही है मेरे दिल की
नय्या डूब चली है
रिमझिम बरसता बाहर ये पानी
अंदर आग लगी है

उस पार तुम, मैं इस पार थी
उस पार तुम, मैं इस पार थी
हाँ, काँच की एक दीवार थी

ना जाने कब हम-तुम मिल गए
कब ये दीवार गिरी है
रिमझिम बरसता बाहर ये पानी
अंदर आग लगी है

अब दूर हम जा सकते नहीं
अब दूर हम जा सकते नहीं
नज़दीक भी आ सकते नहीं

अब क्या करें? क्या ना करें?
मुश्किल आन पड़ी है
इस आग में जलकर ही बुझेगी
इस आग में जलकर ही बुझेगी
ऐसी प्यास जगी है

रिमझिम बरसता (रिमझिम बरसता)
बाहर ये पानी (बाहर ये पानी)
अंदर आग लगी है (अंदर आग लगी है)

रिमझिम बरसता (रिमझिम बरसता)
बाहर ये पानी (बाहर ये पानी)
अंदर आग लगी है (अंदर आग लगी है)



Credits
Writer(s): Anand Bakshi
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