Hamare Papa Aur Hum

हमारे पापा और हम मिलाकर रखें जो क़दम
तो ये दुनिया, अपनी क़सम, मारे सलाम
हमारे बेटा और हम मिलाकर रखें जो क़दम
तो ये दुनिया, अपनी क़सम, मारे सलाम
मारे सलाम, मारे सलाम

This into this सिविलगार का डंडा
मिलन पक-पक तख़्ता भड़म की टिकिया

कल भी ये शहर तो यही था, पर ऐसा नज़ारा नहीं था
गाता, झूमता
ये आलम हमारा-तुम्हारा
बेटे, ये करिश्मा है सारा अपने प्यार का

हमारे बेटा और हम मिलाकर रखें जो क़दम
तो ये दुनिया, अपनी क़सम, मारे सलाम
मारे सलाम, मारे सलाम

यूँ समझो कि पिंजरे के पंछी उड़ते हैं हवा में चमन की
देखो, मेरी जाँ
जिस गुल का हुआ मैं दीवाना मिलता है वहीं आशियाना
समझे मेहरबाँ

हमारे पापा और हम मिलाकर रखें जो क़दम
तो ये दुनिया अपनी क़सम, मारे सलाम
मारे सलाम, मारे सलाम

I very-very sorry
उसकी लंबी-लंबी दाढ़ी, उसपे चलती रेलगाड़ी
उसपे बैठे मियाँ बंगाली
उनके साथ उनकी साली, देती है वो उनको गाली
I am very-very sorry

घर से हम तड़ी पार होके निकले हैं तो अब कौन रोके?
हटना, भाई जान
अपनी तो ये आया समझ में, हिम्मत से लिया काम जिसने
उसका ये जहाँ

इसी मस्ती में आज हम मिलाकर रखें जो क़दम
तो ये दुनिया, अपनी क़सम, मारे सलाम
इसी मस्ती में आज हम मिलाकर रखें जो कदम
तो ये दुनिया, अपनी क़सम, मारे सलाम
मारे सलाम, मारे सलाम



Credits
Writer(s): Pandit Jatin, Majrooh Sultanpuri, Lalit Pandit
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