Meri Nazron Mein Tum Hi Tum Ho

मेरी नज़रों में...
ओ, मेरी नज़रों में तुम ही तुम हो
ना जाने कहाँ गुम हो
ज़रा सुनना, ओ, ज़रा सुनना, जान-ए-तमन्ना

आधी-आधी रात मेरी आँख खुल जाए, आँख खुल जाए
प्यासी-प्यासी ज़िंदगी तुमको बुलाए, सनम, तुमको बुलाए
चैन ना आए, याद सताए

ओ, मेरे सपनों में...
मेरे सपनों में तुम ही तुम हो
ना जाने कहाँ गुम हो
ज़रा सुनना, ओ, ज़रा सुनना, जान-ए-तमन्ना

थक गए काली-काली ज़ुल्फ़ों के साए, ज़ुल्फ़ों के साए
प्यार के राही, बोलो, क्यूँ नहीं आए? क्यूँ नहीं आए?
रात सुहानी रूठ ना जाए

ओ, मेरे शिकवों में...
ओ, मेरे शिकवों में तुम ही तुम हो
ना जाने कहाँ गुम हो
ज़रा सुनना, ओ, ज़रा सुनना, जान-ए-तमन्ना

कैसा तूने जादू किया, ओ, परदेसिया, ओ, परदेसिया
दिल मेरा लूट लिया, ओ, परदेसिया, ओ, परदेसिया
साज़ दिल का छेड़ दिया, परदेसिया

मेरे नग़्मों में...
ओए, मेरे नग़्मों में तुम ही तुम हो
ना जाने कहाँ गुम हो
ज़रा सुनना, ओ, ज़रा सुनना, जान-ए-तमन्ना

मेरी नज़रों में...
ओए, मेरी नज़रों में तुम ही तुम हो
ना जाने कहाँ गुम हो
ज़रा सुनना, ओ, ज़रा सुनना, जान-ए-तमन्ना



Credits
Writer(s): Qamar Jalalabadi, S D Batish
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