Bewafaai Ka Aalam Main Bataun Kisko

बेवफ़ाई का आलम मैं बताऊँ किसको
ग़ैर की बाँहों में मैंने देखा उसको
बेवफ़ाई का आलम मैं बताऊँ किसको
ग़ैर की बाँहों में मैंने देखा उसको

दर्द-ए-दिल बढ़ गया, जीते जी मर गया
दर्द-ए-दिल बढ़ गया, जीते जी मर गया
दर्द-ए-दिल बढ़ गया, जीते जी मर गया

याद जो आया इश्क़ में मैंने कितने दिन और रातें दी
और उसने भी पास बैठ के प्यार सी कितनी बातें की
कल जो मिले तो ऐसे मिले वो मिलकर कुछ एहसान किया
तभी मैं समझा अब तो इन्होंने हाथ किसी का थाम लिया

पल में अचानक सब कुछ बदला, बदल गए दिन-रात
एक रात में चले गए वो और किसी के पास

इस जुदाई का आलम मैं बताऊँ किसको?
ग़ैर की बाँहों में मैंने देखा उसको
दर्द-ए-दिल बढ़ गया, जीते जी मर गया
दर्द-ए-दिल बढ़ गया, जीते जी मर गया
दर्द-ए-दिल बढ़ गया, जीते जी मर गया

कैसे देखूँ अपने प्यार को और किसी की बाँहों में?
चलते-चलते काँटे ही काँटे बिछ गए मेरी राहों में
एक बार भी पलट के उसने देखा नहीं है मेरी ओर
शायद पागल हो जाऊँगा, अब दिल में है इतना शोर

एक ख़याल तो ये भी आता, बना है क्यूँ अनजान
जाँ जाने से पहले मेरी ले लूँ उसकी जान
आज तन्हाई का ग़म मैं बताऊँ किसको?
ग़ैर की बाँहों में मैंने देखा उसको

बेवफ़ाई का आलम मैं बताऊँ किसको?
दर्द-ए-दिल बढ़ गया, जीते जी मर गया
दर्द-ए-दिल बढ़ गया, जीते जी मर गया
दर्द-ए-दिल बढ़ गया, जीते जी मर गया



Credits
Writer(s): Praveen Bhardwaj, Nikhil
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link