Sharmila Ho Sharmila

बिन तेरे जीना भी, क्या है जीना?
ऐसे ज़हर जुदाई का पीना
मैं पल-पल मरता हूँ, जीता हूँ
बस याद तुझे करता हूँ, रोता हूँ

हमको चाहत का क्या मिला ये सिला
क्या ख़ता हमने की जो मिली ये सज़ा?
ओ, कैसा मुक़्कदर है मिला

शर्मिला, ओ, शर्मिला
l love you, ओ, शर्मिला
l love you, ओ, शर्मिला
l love you, ओ, शर्मिला



Credits
Writer(s): Kamal, Nikhilvinay
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