Nindiya (From "Sarbjit")

निंदिया ये लेगी तुझे थाम रे
सो जा, दे-दे आँखों को आराम रे
कि सारा दिन चल के है गुज़ारा
तू उलझनों का मारा
अब जा के आई है ये शाम रे

अरे, आ रे, आ रे, आ
अरे, आ रे, आ रे
अरे, आ रे, आ रे, आ
अरे, आ रे, आ रे

तेरी वो बातें आ सुनाऊँ
बैठूँ सिरहाने, लोरियाँ मैं गाऊँ
राहें तकती है ये अटारी
तीजों की घड़ियाँ सूनी ही गुज़ारी
सारे नज़ारे, ये बहारें हैं तुझ ही पे वारे

ख़्वाबों ने है भेजा ये पैग़ाम रे
सो जा, दे-दे आँखों को आराम रे
कि सारा दिन चल के है गुज़ारा
तू उलझनों का मारा
अब जा के आई है ये शाम रे

अरे, आ रे, आ रे, आ
अरे, आ रे, आ रे
अरे, आ रे, आ रे, आ
अरे, आ रे, आ रे

निंदिया ये लेगी तुझे थाम रे
सो जा, दे-दे आँखों को आराम रे
कि सारा दिन चल के है गुज़ारा
तू उलझनों का मारा
अब जा के आई है ये शाम रे

अरे, आ रे, आ रे, आ
अरे, आ रे, आ रे
अरे, आ रे, आ रे, आ
अरे, आ रे, आ रे



Credits
Writer(s): Shivamm, Sandeep Singh, Shashi
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