O Re Rangreza (Qawaali)

मेरे मौला, ओ, रे रंगरेज़ा
रूह ने अर्ज़ी लगाई है, सही क़दम चला मौला
मन को ऐंठ के बाती कर, तेरा चिराग जला मौला
रंगरेज़ा

मुश्क़िल कुशा, ओ, रे नूर-ए-ख़ुदा, ओ, रे रंगरेज़ा
मुश्क़िल कुशा, ओ, रे नूर-ए-ख़ुदा, ओ, रे रंगरेज़ा

कारिगर किस्मत के ये बिगड़ी बना दे तू
कितने सजदों की है कीमत? ये बता दे तू
पुर्ज़ा-पुर्ज़ा ज़िंदगी का देख बिगड़ा है
किस जगह में सर झुकाऊँ? दर दिखा दे तू

मुश्क़िल कुशा, ओ, रे नूर-ए-ख़ुदा, ओ, रे रंगरेज़ा

माथे पे हर एक बिगड़ी बात लिख दी है
ओ, माथे पे हर एक बिगड़ी बात लिख दी है
ये दुआ भी अर्ज़ियों के साथ लिख दी है
हौसले की इस पतंग को ताव तू दे-दे
बिन परों के आसमाँ ये छूने निकली है

मुश्क़िल कुशा, ओ, रे नूर-ए-ख़ुदा, ओ, रे रंगरेज़ा

रूह ने अर्ज़ी लगाई है, सही क़दम चला मौला
मन को ऐंठ के बाती कर, तेरा चिराग जला मौला

मैं हूँ माटी जग बज़ार, तू फुहार है
मौला, मैं हूँ माटी जग बज़ार, तू फुहार है
मेरी कीमत क्या लगे सब तेरी मर्ज़ी है
सुबह माथे तू ज़रा सा नूर बस मल दे
तो सँवर जाए ये किस्मत, इतनी अर्ज़ी है

मुश्क़िल कुशा, ओ, रे नूर-ए-ख़ुदा, ओ, रे रंगरेज़ा
मुश्क़िल कुशा, ओ, रे नूर-ए-ख़ुदा, ओ, रे रंगरेज़ा

मेरे मौला
ओ, रंगरेज़ा



Credits
Writer(s): Junaid Wasi, Vishal Khurana
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