Kab Talak Dulhe

कब तलक दूल्हे चढ़ाए जाएँगे नीलाम पर
कब तलक दूल्हे चढ़ाए जाएँगे नीलाम पर
ऐ, वतन वालों ये लानत है वतन के नाम पर
कब तलक दूल्हे चढ़ाए जाएँगे नीलाम पर
ऐ, वतन वालों ये लानत है वतन के नाम पर
कब तलक दूल्हे चढ़ाए जाएँगे नीलाम पर

आओ मिलजुल कर बनाएँ आज हम ऐसा समाज
खत्म कर डाले जो इन खूनी दहेजों का रिवाज़
कब तलक निर्दोष अबला को सताया जाएगा
कब तलक सीता को शोलों में जलाया जाएगा
कब तलक सीता को शोलों में जलाया जाएगा
उँगलियाँ कब तक ज़माने की उठेंगी राम पर
ऐ, वतन वालों ये लानत है वतन के नाम पर

कब तलक दूल्हे चढ़ाए जाएँगे नीलाम पर

क्यूँ भला इस बात से वाकिफ़ नहीं है ये जहाँ?
सास है जो वो भी आखिर है किसी बेटी की माँ
जो पति है भाई भी तो है किसी बहना का वो
नसले, नौसे, नौजवानों से, बुजुर्गों से कहो
नसले, नौसे, नौजवानों से, बुजुर्गों से कहो
छोड़ दो व्यापार करना शादियों के नाम पर
ऐ, वतन वालों ये लानत है वतन के नाम पर

कब तलक दूल्हे चढ़ाए जाएँगे नीलाम पर

आज से ये ज़ुल्म की दीवार ढनी है हमें
रस्म ये सौदों की रिश्तों से मिटानी है हमें
फ़ूक दो उसको जलाता है किसी दुल्हन को जो
फ़ूक दो उसको जलाता है किसी दुल्हन को जो
माँगता है जो दहेज उस हाथ को ही काट दो
उस हाथ को ही काट दो

उस हाथ को ही काट दो
उस हाथ को ही काट दो



Credits
Writer(s): Sapan Jagmohan, Mahendra Dehlvi
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