Salam Kijiye

इस मोड़ से जाते हैं
इस मोड़ से जाते हैं
कुछ सुस्त कदम रस्ते
कुछ तेज़ कदम राहें

इस मोड़ से जाते हैं
कुछ सुस्त कदम रस्ते
कुछ तेज़ कदम राहें

पत्थर की हवेली को शीशे के घरौंदों में
तिनको के नशे मन तक इस मोड़ से जाते हैं
आ, इस मोड़ से जाते हैं

आँधी की तरह उड़ कर एक राह गुज़रती है
आँधी की तरह उड़ कर एक राह गुज़रती है
शरमाती हुई कोई कदमों से उतरती है
इन रेशमी राहों में एक राह तो वो होगी
तुम तक जो पहुँचती है, इस मोड़ से जाते हैं
इस मोड़ से जाते हैं

एक दूर से आती है, पास आके पलटती है
एक दूर से आती है, पास आके पलटती है
एक राह अकेली सी रुकती है, ना चलती है
ये सोच के बैठी हूँ एक राह तो वो होगी
तुम तक जो पहुँचती है, इस मोड़ से जाते हैं

इस मोड़ से जाते हैं
कुछ सुस्त कदम रस्ते
कुछ तेज़ कदम राहें

पत्थर की हवेली को शीशे के घरौंदों में
तिनको के नशे मन तक इस मोड़ से जाते हैं
आ, इस मोड़ से जाते हैं



Credits
Writer(s): Gulzar, Rahul Dev Burman
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