Jaagiye Brajraaj Kanwar

जागिए ब्रजराज कुँवर
जागिए ब्रजराज कुँवर कमल-कुसुम फूले
कुमुद-बृंद संकुचित भए भृंग लता झूले
जागिए बृजराज कुँवर

तमचुर खग रोर सुनहु बोलत बनराई
रांभति गो खरिकनि में बछरा हित धाई
जागिए ब्रजराज कुँवर

विधु मलीन रवि प्रकास गावत नर-नारी
(जागो, जागो, जागो)
विधु मलीन रवि प्रकास गावत नर-नारी
सूर श्याम प्राक उठी अंबुज करधारी

(जागिए ब्रजराज कुँवर कमल-कुसुम फूले)
(कुमुद-बृंद संकुचित भए भृंग लता झूले)
जागिए ब्रजराज कुँवर

(ब्रजराज कुँवर)
(ब्रजराज कुँवर)
(ब्रजराज कुँवर)
ब्रजराज कुँवर



Credits
Writer(s): Surdas, Rajkamal
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