Tum Jab Paas

कितने वादें, कितनी बातें बाक़ी हैं
कितने दिन और कितनी रातें बाक़ी हैं
इन परछाइयों से बदल भी जाऊँ तो
मैं बेफ़िकर हूँ, मदहोश हो भी जाऊँ तो

तुम जब पास आती हो
पलकों से मुस्कुराती हो
हवाएँ भी गुनगुनाती हैं
तुम जब पास आती हो

उलझी नज़रें कैसे अंजान शहरों में?
सारी क़समें बहती यादों की लहरों में
इस गहराई से बेख़बर हो जाऊँ तो
मैं बेफ़िकर हूँ, मदहोश हो भी जाऊँ तो

तुम जब पास आती हो
पलकों से मुस्कुराती हो
हवाएँ भी गुनगुनाती हैं
तुम जब पास आती हो

खो जाने की ज़िद ना करो
ख्वाहिश है ये दिल की
राहों को नज़र में रखो

मैं भी तो लौट आऊँगा
हवाओं सा गुनगुनाऊँगा

कितने वादें, कितनी बातें बाक़ी हैं
कितने दिन और कितनी रातें बाक़ी हैं

तुम जब पास आती हो
पलकों से मुस्कुराती हो
हवाएँ भी गुनगुनाती हैं
तुम जब पास आती हो

तुम जब पास आती हो
तुम जब पास आती हो
तुम जब पास आती हो
तुम जब पास आती हो



Credits
Writer(s): Prateek Kuhad
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