Yeh Hai Reshmi Zulfon Ka Andhera - From "Mere Sanam"

ये है रेशमी ज़ुल्फ़ों का अँधेरा, ना घबराइए
जहाँ तक महक है मेरे गेसुओं की, चले आइए

ये है रेशमी ज़ुल्फ़ों का अँधेरा, ना घबराइए
जहाँ तक महक है मेरे गेसुओं की, चले आइए
ये है रेशमी ज़ुल्फ़ों का अँधेरा, ना घबराइए
जहाँ तक महक है मेरे गेसुओं की, चले आइए

सुनिए तो ज़रा, जो हक़ीक़त है कहते हैं हम
खुलते, रुकते इन रंगीं लबों की क़सम
जल उठेंगे दीए जुगनुओं की तरह
जल उठेंगे दीए जुगनुओं की तरह
जी तबस्सुम तो फ़रमाइए

हाँ, ये है रेशमी ज़ुल्फ़ों का अँधेरा, ना घबराइए
जहाँ तक महक है मेरे गेसुओं की, चले आइए

ल-ल-ला-ला, ल-ल-ल-ला-ला
ला-ला-ला-ला, ला-ला-ला-ला

प्यासी है नज़र, ये भी कहने की है बात क्या?
तुम हो मेहमाँ, तो ना ठहरेगी ये रात क्या?
रात जाए, रहें आप दिल में मेरे
रात जाए, रहें आप दिल में मेरे
अरमाँ बन के रह जाइए

हाँ, ये है रेशमी ज़ुल्फ़ों का अँधेरा, ना घबराइए
जहाँ तक महक है मेरे गेसुओं की, चले आइए



Credits
Writer(s): Onkar Prasad Nayyar, Majrooh Sultanpuri, Paresh N. Shah
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link