Dastan Khatma Hoi

दास्ताँ ख़तम हुई, टूट गया, ऐ बेवफ़ा
रास्ता देख रहा है दिल-ए-मुज़्तर किसका?
दास्ताँ ख़तम हुई, टूट गया, ऐ बेवफ़ा
रास्ता देख रहा है दिल-ए-मुज़्तर किसका?
दास्ताँ ख़तम हुई...

अब ना टूटेगा सुकूत, अब ना बजेगी ज़ंजीर
अब ना टूटेगा सुकूत, अब ना बजेगी ज़ंजीर
अब तो सन्नाटा ही सन्नाटा है सर की तक़दीर

अब ना दरवाज़े पे आकर कोई दस्तक देगा
रास्ता देख रहा है दिल-ए-मुज़्तर किसका?
दास्ताँ ख़तम हुई...

अब ना लहराएँगे आँचल, ना बजेंगे कंगन
अब ना लहराएँगे आँचल, ना बजेंगे कंगन
सूना-सूना ही रहेगा यूँ ही घर का आँगन

अब फ़िज़ाओं को ना महकाएगी ख़ुशबू, ऐ हवा
रास्ता देख रहा है दिल-ए-मुज़्तर किसका?
दास्ताँ ख़तम हुई...

उँगलियाँ ज़ुल्फ़ों के हल्क़ों के तरस जाएँगी
उँगलियाँ ज़ुल्फ़ों के हल्क़ों के तरस जाएँगी
आरज़ू को ये तन्हाइयाँ डस जाएगी

अब ना चमकेगा वो महताब सा रोशन चेहरा
रास्ता देख रहा है दिल-ए-मुज़्तर किसका?
दास्ताँ ख़तम हुई, टूट गया, ऐ बेवफ़ा
रास्ता देख रहा है दिल-ए-मुज़्तर किसका?
दास्ताँ ख़तम हुई...



Credits
Writer(s): Lalit, Chandan Roy Chaudhari
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link