Chunri Sambhal Gori (From "Baharon Ke Sapne")

चुनरी संभाल गोरी, उडी चली जाए रे
ओय चुनरी सम्भाल गोरी, उडी चली जाए रे
मार ना दे डंख कहीं, नज़र कोई हाय
चुनरी सम्भाल गोरी, उडी चली जाए रे
मार ना दे डंख कहीं, नज़र कोई हाय
देख देख पग ना फिसल जाए रे
आरा रारा रारा रा हा आह
चुनरी सम्भाल आह
उडी चली जाए हा आह
मार ना दे डांक ल हा आह
नज़र कोई हाय

ला लै ला ला लै ला ला लै ला
आ. होऊ रुरु रुरु
रुरु रुरु रऊ ऊई रुरु
रुरु रुरु रुरु रु रु रु रु
फिसलन नहीं चल के
कभी दुःख की डगर पे
ठोकर लगे हंस दें हम
बसने वाले दिल के नगर के
हाय हाय फिसलें नहीं
चल के कभी दुःख की डगर पे
ठोकर लगे हंस दें हम
बसने वाले दिल के नगर के
अरे हर क़दम बहक
के संभल जाए रे आरा
रारा रारा राह ल हा आह
चुनरी सम्भाल ल है आह

आ आ आ.
किरणें नहीं अपनी तो है
बाहों का सहारा
दीपक नहीं जिन में उन
गलियों में है हमसे उजाले
हाय हाय किरणें नहीं अपनी
तो है बाहों का सहारा
दीपक नहीं जिन में उन
गलियों में है हमसे उजाले
अरे भूल ही से चाँदनी
खिल जाए रे आरा रारा
रारा राह ल हा आह
चुनरी सम्भाल ल है आह

सा रसा रसा रसा रसा
सा रसा रसा रसा रसा
ओ -ओ -ओ -ओ रसा रसा लै
लाइ लाइ लाइ लाइ लाइ ल
पल छीन पीया पल छीन
अंखियों का अन्धेरा
रैना नहीं अपनी पर अपना
होगा कल का सवेरा
हाय पल छीन पीया पल
छीन अँखियों का अन्धेरा
रैना नहीं अपनी पर
अपना होगा कल का सवेरा
अरे रेन कौन सी
जो न ढल जाए रे
आरा रारा रारा राह ल
है आह चुनरी सम्भाल ल है आह



Credits
Writer(s): Rahul Dev Burman, Majrooh Sultanpuri
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