Diwani Main Pagli Saajan Ki

दीवानी मैं पगली, साजन दी मैं कमली
इश्के दी बदली छाई, हाए-हाए
ज़िंदगी फ़िर लौट आई, खुशियों ने ली अंगड़ाई

हो, दीवानी मैं पगली, साजन दी मैं कमली
इश्के दी बदली छाई, हाए-हाए
ज़िंदगी फ़िर लौट आई, खुशियों ने ली अंगड़ाई

आता नहीं मेरे दिल को यकीं
ये मुलाकात थी कोई सपना नहीं
है नाम उसके जवानी मेरी
यार के बिन थी क्या ज़िंदगानी मेरी

दिल मेरा है कहीं, होश में मैं नहीं
हो, दिल मेरा है कहीं, होश में मैं नहीं
हालत ये उसने बनाई, हाए-हाए
ज़िंदगी फ़िर लौट आई, खुशियों ने ली अंगड़ाई

सरके नी लखवार में यार के
लोग जीते हैं कैसे बिना प्यार के
रखे वे रब्बा मुझे होश में
जो गिरूँ मैं तो माही की आगोश में

कह दो ये सब से, इश्क़ के मज़हब से
हो, कह दो ये सब से, इश्क़ के मज़हब से
चलती है सारी खुदाई, हाए-हाए
ज़िंदगी फ़िर लौट आई, खुशियों ने ली अंगड़ाई

ना करे ज़िक्र कोई भी सदमात का
आज मौका है खुशियों के जज़्बात का
कौन टकराएगा बेखुदी से मेरी
लोग लेंगे सबक आशिक़ी से मेरी

खुल के कहूँगी मैं, दुल्हन बनूँगी मैं
हो, खुल के कहूँगी मैं, दुल्हन बनूँगी मैं
सदा आसमां से ये आई, हाए-हाए
ज़िंदगी फ़िर लौट आई, खुशियों ने ली अंगड़ाई

दीवानी मैं पगली, साजन दी मैं कमली
इश्के दी बदली छाई, हाए-हाए
ज़िंदगी फ़िर लौट आई, खुशियों ने ली अंगड़ाई
ज़िंदगी फ़िर लौट आई, खुशियों ने ली अंगड़ाई



Credits
Writer(s): P.d. Mehra, Dilip Sen, Sameer Sen, Dilip Tahir
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