Kitni Bechain Hoke (From "Kasoor")

कितनी बेचैन होके तुम से मिली
कितनी बेचैन होके तुम से मिली
तुम को क्या थी ख़बर, थी मैं कितनी अकेली

हाँ-हाँ, हाँ-हाँ, हाँ-हाँ, हाँ-हाँ-हाँ
हाँ-हाँ, हाँ-हाँ, हाँ-हाँ, हाँ-हाँ-हाँ

कितना बेचैन होके तुम से मिला
कितना बेचैन होके तुम से मिला
तुम को क्या थी ख़बर, था मैं कितना अकेला

हाँ-हाँ, हाँ-हाँ, हाँ-हाँ, हाँ-हाँ-हाँ
हाँ-हाँ, हाँ-हाँ, हाँ-हाँ, हाँ-हाँ-हाँ

कि कितनी मोहब्बत है तुम से
ज़रा पास आ के तो देखो
क्या आग है धड़कनों में
गले से लगा के तो देखो

बताई ना जाए ज़ुबाँ से ये हालत
मेरे जिस्म-ओ-जाँ को तुम्हारी है चाहत

कितना बेचैन होके तुम से मिला
कितना बेचैन होके...

जो है दरमियाँ एक पर्दा
इसे, जान-ए-मन, अब हटा दें
यही फ़ासले कह रहे हैं
"चलो, दूरियों को मिटा दें"

ना कोई तमन्ना है, ना कोई हसरत
मुझे तो, सनम, है तुम्हारी ज़रूरत

कितना बेचैन होके तुम से मिला
कितना बेचैन होके तुम से मिला
तुम को क्या थी ख़बर, था मैं कितना अकेला

हाँ-हाँ, हाँ-हाँ, हाँ-हाँ, हाँ-हाँ-हाँ
हाँ-हाँ, हाँ-हाँ, हाँ-हाँ, हाँ-हाँ-हाँ

कितनी बेचैन होके तुम से मिली
कितनी बेचैन होके तुम से मिली
तुम को क्या थी ख़बर, थी मैं कितनी अकेली

हाँ-हाँ, हाँ-हाँ, हाँ-हाँ, हाँ-हाँ-हाँ
हाँ-हाँ, हाँ-हाँ, हाँ-हाँ, हाँ-हाँ-हाँ



Credits
Writer(s): Nadeem-shravan, Sameer, Da Banotra
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