Pyar Hua Ikraar Hua (From "Shree 420")

प्यार हुआ इक़रार हुआ है
प्यार से फिर क्यों डरता है दिल
प्यार हुआ इक़रार हुआ है
प्यार से फिर क्यों डरता है दिल
कहता है दिल, रस्ता मुश्किल
मालूम नहीं है कहाँ मंज़िल
कहता है दिल, रस्ता मुश्किल
मालूम नहीं है कहाँ मंज़िल
प्यार हुआ इक़रार हुआ, प्यार से फिर क्यों डरता है दिल

कहो की अपनी प्रीत का मीत ना बदलेगा कभी
तुम भी कहो इस राह का मीत न बदलेगा कभी
प्यार जो टूटा, साथ जो छूटा, चाँद न चमकेगा कभी
प्यार हुआ इकरार हुआ, प्यार से फिर क्यों डरता है दिल
कहता है दिल, रस्ता मुश्किल, मालूम नहीं है कहाँ मंज़िल

रातें दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ
गीत हमारे प्यार के दोहराएंगी जवानियाँ
मैं न रहूँगी, तुम न रहोगे, फिर भी रहेंगी निशानियाँ
प्यार हुआ इक़रार हुआ, प्यार से फिर क्यों डरता है दिल
कहता है दिल, रस्ता मुश्किल, मालूम नहीं है कहाँ मंज़िल



Credits
Writer(s): Shailendra, Jaikshan Shankar, Govind Bathree
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