Ye Hawayen Sard Sard Hai

ये हवाएँ सर्द-सर्द हैं
हैं दिलों में गर्मियाँ
या-इलाही, ये माजरा क्या है?

ये हवाएँ सर्द-सर्द हैं
ये हवाएँ सर्द-सर्द हैं
हैं दिलों में गर्मियाँ

फिर इतनी दूरियाँ क्यूँ?
फिर इतनी दूरियाँ क्यूँ?
दो दिलों के दरमियाँ

ये हवाएँ सर्द-सर्द हैं
ये हवाएँ सर्द-सर्द हैं

हवाओं के क्या-क्या रुख़ बदल रहें हैं!
जलाने वाले ख़ुद जल रहे हैं

हो, कल थी शोला (आ-हा), आज है शबनम (hmm, hmm)
ये कैसा अंदाज़ है (hahaha), ये कैसा अंजाद है
(हो), मौसम जैसे रंग बदलना, आख़िर ये क्या राज़ है, आख़िर ये क्या राज़ है

पत्थर को मोम कर दें
पत्थर को मोम कर दें
मोहब्बत की नर्मियाँ

ये हवाएँ सर्द-सर्द हैं
ये हवाएँ सर्द-सर्द हैं
हैं दिलों में गर्मियाँ

फिर इतनी दूरियाँ क्यूँ?
फिर इतनी दूरियाँ क्यूँ?
दो दिलों के दरमियाँ

ये हवाएँ सर्द-सर्द हैं

मोहब्बत में, मेरी जाँ, सब चलता है
जलाने वाला कभी ख़ुद भी जलता है

हो, आते-जाते (ओ-हो) यूँ टकराना (हाय)
कुछ तो बात ज़रूर है, कुछ तो बात ज़रूर है
कोई ना समझे, कोई ना जाने
दिल को क्या मंज़ूर है, दिल को क्या मंज़ूर है

क्या जाने कब शुरू हो!
क्या जाने कब शुरू हो!
ये दिलों की दास्ताँ

ये हवाएँ सर्द-सर्द हैं
ये हवाएँ सर्द-सर्द हैं
हैं दिलों में गर्मियाँ

फिर इतनी दूरियाँ क्यूँ?
फिर इतनी दूरियाँ क्यूँ?
दो दिलों के दरमियाँ

ये हवाएँ सर्द-सर्द हैं
ये हवाएँ सर्द-सर्द हैं



Credits
Writer(s): Anjaan, Kalyanji Virji Shah, Anandji Virji Shah
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