Roop Anoop Ye Keshon

रूप अनूप ये, केशों में बदरा
नैनों में लेके दामिनिया
रूप अनूप ये, केशों में बदरा
नैनों में लेके दामिनिया

रूप अनूप ये, केशों में बदरा

विश्वामित्र को मित्र बनाने
विश्वामित्र को मित्र बनाने
स्वर्ग से उतरी कामिनिया

रूप अनूप ये, केशों में बदरा

योग, विरक्ति, भोग है तृप्ति
प्रेम से मुक्ति, भक्ति, बंधन
तप में तपना, निरा, निरर्थक
जप करना है, जग से पलायन

सत्य मंत्र बतलाए मेरी
रुनझुन-रुनझुन पैजनिया

रूप अनूप ये, केशों में बदरा

जिसके लिए सुन, ऐ वैरागी
तूने ये वैराग लिया है
जो सुख पाने को जीवन के
हर एक सुख का त्याग किया है

वही परम सुख दूँगी तुझे मैं
बाँके प्रेम की रागनिया

रूप अनूप ये, केशों में बदरा

कमल से लोचन, बाकी चितवन
रूप ये यौवन निहार तू यूँ ही
काम बिना निष्काम है जीवन
सुन ले मेरी पुकार तू, योगी

तुझमें ऐसे घुल जाऊँगी
दिन में जैसे यामिनिया

रूप अनूप ये, केशों में बदरा

विश्वामित्र को मित्र बनाने
विश्वामित्र को मित्र बनाने
स्वर्ग से उतरी कामिनिया

रूप अनूप ये, केशों में बदरा

रूप अनूप ये, केशों में बदरा



Credits
Writer(s): Abhilash, Dev Shaarang, Kumar Dheeraj, Kochar Zubi
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