Humsafar Acoustic (From "T-Series Acoustics")

सुन मेरे हमसफ़र
क्या तुझे इतनी सी भी खबर
की तेरी साँसे चलती जिधर
रहूँगा बस वही उम्र भर
रहूँगा बस वही उम्र भर हाय

मैं तो यूं खड़ा किस
सोच में पड़ा था
कैसे जी रहा था मैं दीवाना

चुपके से आके तूने
दिल में समां के तूने
छेड़ दिया कैसा ये फ़साना

है नहीं था पता
के तुझे मान लूँगा खुदा
की तेरी गललियों में इस कदर
आऊंगा हर पहर



Credits
Writer(s): Akhil Sachdeva
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