O Saathi

किस तरह मैं बताऊँ कि अधूरा मैं हूँ?
ये यक़ीन दिलाऊँ, बना तेरे लिए ही मैं हूँ
अब यहीं है मेरी ख़्वाहिश, इस पल को तो मैं जी लूँ

तू इस जगह है खड़ा, फिर भी है दूर तू, हाँ
कुछ ना रहा दरमियाँ फिर क्यूँ दिल कह रहा?

"ओ साथी, इतना तो बस कर दे
एक आख़िरी दफ़ा सही बाँहों में तू भर ले
ओ साथी, इतना तो बस कर दे
एक आख़िरी दफ़ा सही बाँहों में तू भर ले"

तेरी मौजूदगी से इक हिफ़ाज़त थी मिली
तू जो छोड़ गया मुझे तो ज़िन्दगी बिखरी है
अब तू फिर सामने है तो दिल कर रहा है सवाल

"क्यूँ इस तरह बेवफ़ा हो गया? तू दे-दे जवाब
हो के जुदा क्या मिला?" ये बता दे अब यहाँ
ओ साथी, इतना तो बस कर दे
एक आख़िरी दफ़ा सही बाँहों में तू भर ले

Woah-woah-woah, woah-woah
Woah-woah-woah, woah-woah
Woah-woah-woah, woah-woah

एक आख़िरी दफ़ा सही बाँहों में तू भर ले



Credits
Writer(s): Mithoon, Mithoon Naresh Sharma
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