Tum Mujhe Bhool Bhi Jao - From "Didi"

तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुम को
मेरी बात और है, मैंने तो मोहब्बत की है
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुम को

मेरे दिल की, मेरे जज़बात की क़ीमत क्या है?
उलझे-उलझे से ख़यालात की क़ीमत क्या है?
मैंने क्यूँ प्यार किया, तुम ने ना क्यूँ प्यार किया?
इन परेशान सवालात की क़ीमत क्या है?

तुम जो ये भी ना बताओ तो ये हक़ है तुम को
मेरी बात और है, मैंने तो मोहब्बत की है
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुम को

ज़िंदगी सिर्फ़ मोहब्बत नहीं कुछ और भी है
ज़ुल्फ़-ओ-रुख़सार की जन्नत नहीं कुछ और भी है
भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया में
इश्क़ ही एक हक़ीकत नहीं कुछ और भी है

तुम अगर आँख चुराओ तो ये हक़ है तुम को
मैंने तुम से ही नहीं, सब से मोहब्बत की है
तुम अगर आँख चुराओ तो ये हक़ है तुम को

तुम को दुनिया के ग़म-ओ-दर्द से फ़ुरसत ना सही
सब से उलफ़त सही, मुझ से ही मोहब्बत ना सही
"मैं तुम्हारी हूँ" यही मेरे लिए क्या कम है?
तुम मेरे हो के रहो ये मेरी क़िस्मत ना सही

और भी दिल को जलाओ तो ये हक़ है तुम को
मेरी बात और है, मैंने तो मोहब्बत की है
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुम को



Credits
Writer(s): Sudha Malhotra, Ludiavani Sahir
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