Gazab Ka Hai Din-Bawara Mann

क़सम से
(क़सम से)
(क़सम से)

देख लो हमको क़रीब से
आज हम मिले हैं नसीब से
हो, देख लो हमको क़रीब से
आज हम मिले हैं नसीब से

ये पल फिर कहाँ
और ये मंज़िल फिर कहाँ

हाँ-हाँ, बावरा मन राह ताके तरसे रे
नैना भी मल्हार बनके बरसे रे
आधे से, अधूरे से बिन तेरे हम हुए
फीका लगे है मुझको सारा जहाँ

(क़सम से)
(क़सम से)

मैं काग़ज़ की कश्ती, तू बारिश का पानी
ऐसा है तुझसे अब ये रिश्ता मेरा
तू है तो मैं हूँ, तू आए तो बह लूँ
आधी है दुनिया मेरी तेरे बिना
आधी है दुनिया मेरी तेरे बिना

जी उठी १०० बार तुझपे मरके रे
नैना ये मल्हार बनके बरसे रे
आधे से, अधूरे से बिन तेरे हम हुए
फीका लगे है मुझको सारा जहाँ

हो-हो, ग़ज़ब का है दिन, सोचो ज़रा
ये दीवानापन देखो ज़रा
तुम हो अकेले, हम हैं अकेले
मज़ा आ रहा है, क़सम से (क़सम से)

क़सम से (क़सम से)
क़सम से...



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Junaid Wasi, Chirantan Bhatt, Abhijit Sharad Vaghani, Anand Chitragupta Shrivastava, Milind Chitragupta Shrivastava
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