Kanu Ladik Bigdi Miyaru

कानु लड़िक बिगड़ि म्यारु ब्वारी कैर की
कानु लड़िक बिगड़ि म्यारु ब्वारी कैर की
कैमां लगाणींन छुईं अपणि खैर की
कैमां लगाणींन छुईं अपणि खैर की

कानु लड़िक बिगड़ि म्यारु ब्वारी कैर की
कैमां लगाणींन छुईं अपणि खैर की
कैमां लगाणींन छुईं अपणि खैर की

नथुली बेची पढ़ाई-लिखाई
नथुली बेची पढ़ाई-लिखाई
पुंगड़ि बेचि कि मिल ब्वारी काई

सोचि छो ब्वारी को सुख देखुलू
सोचि छो ब्वारी को सुख देखुलू
डोला बटी ब्वारी भूयां भी नि आई

नौना दगड़ि चल गै देस बौगा मारि की
कैमां लगाणींन छुईं अपणि खैर की
कैमां लगाणींन छुईं अपणि खैर की

ब्वारी बिचारील ईनु जाप काई
ब्वारी बिचारील ईनु जाप काई
सैंत्यूं नौनु भी बस मा नि राई

अब त हमथें पछैण्दू बी नि च
अब त हमथें पछैण्दू बी नि च
अपणु ही सोनु खोटु ह्वै ग्याई

क्या पाई येका बाना मिल ज्यू मारि की
कैमां लगाणींन छुईं अपणि खैर की
कैमां लगाणींन छुईं अपणि खैर की

भलि-बुरी चीज लोगूं की ऐनी
भलि-बुरी चीज लोगूं की ऐनी
मिल द्वी दाणि चणो की नि पैनी

हम खुणि सेवा सोंली भी हर्ची
हम खुणि सेवा सोंली भी हर्ची
समधण्यौं थैनि मन् डर गैनी

क्या पायी येका बाना मिल ज्यु कैरी की
कैमां लगाणींन छुईं अपणि खैर की
कैमां लगाणींन छुईं अपणि खैर की

छौंदी ब्वारी स्यु छों डाँड्यो जाणू
छौंदी ब्वारी स्यु छों डाँड्यो जाणू
डोखरी पुंगड़्यों माँ हडिगयों तुड़ाणु
लैंदा कीदां ये घौर जन्दीन

लैंदा कीदां ये घौर जन्दीन
मि स्यूं छों बांझा भैंसो चराणु
सैन्त्यूँ सम्भाल्यूं लि जान्दिना झाड़ि काट की

कैमां लगाणींन छुईं अपणि खैर की
कैमां लगाणींन छुईं अपणि खैर की
कानु लड़िक बिगड़ि म्यारु ब्वारी कैर की
कानु लड़िक बिगड़ि म्यारु ब्वारी कैर की

कैमां लगाणींन छुईं अपणि खैर की
कैमां लगाणींन छुईं अपणि खैर की
छुईं अपणि खैर की
छुईं अपणि खैर की



Credits
Writer(s): Narendra Singh Negi
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link