Aji Rooth Kar Ab Kahan Jaiyega

अजी, रूठ कर अब कहाँ जाइएगा?
जहाँ जाइएगा, हमें पाइएगा
अजी, रूठ कर अब कहाँ जाइएगा?
जहाँ जाइएगा, हमें पाइएगा
अजी, रूठ कर अब...

निगाहों से छुपकर दिखाओ तो जाने
ख़यालों में भी तुम ना आओ तो जाने

अजी, लाख पर्दों में छुप जाइएगा
अजी, लाख पर्दों में छुप जाइएगा
नज़र आइएगा, नज़र आइएगा

अजी, रूठ कर अब कहाँ जाइएगा?
जहाँ जाइएगा, हमें पाइएगा
अजी, रूठ कर अब...

जो दिल में है, होंठों पे लाना भी मुश्किल
मगर उसको दिल में छुपाना भी मुश्किल

नज़र की ज़ुबाँ से समझ जाइएगा
नज़र की ज़ुबाँ से समझ जाइएगा
समझकर ज़रा ग़ौर फ़रमाइएगा

अजी, रूठ कर अब कहाँ जाइएगा?
जहाँ जाइएगा, हमें पाइएगा
अजी, रूठ कर अब...

ये कैसा नशा है? ये कैसा असर है?
ना क़ाबू में दिल है, ना बस में नज़र है

ज़रा होश आते चले जाइएगा
ज़रा होश आते चले जाइएगा
ठहर जाइएगा, ठहर जाइएगा

अजी, रूठ कर अब कहाँ जाइएगा?
जहाँ जाइएगा, हमें पाइएगा
अजी, रूठ कर अब कहाँ जाइएगा?
जहाँ जाइएगा, हमें पाइएगा
अजी, रूठ कर अब...



Credits
Writer(s): Jaikshan Shankar, Jaipuri Hasrat
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