Oh Diljaniya

आ गया रे तेरा पागल प्रीतम, ओ, जनिया, ना घबराओ
तेरे तन की चाँदी ख़रीदूँगा सोने के भाव

ओ, दिलजनिया...
ओ, दिलजनिया, लागे ना जिया तेरे बिना
गलियों में, चौबारों में, हो, ओ, आ, आ

बनके चंदनिया...
बनके चंदनिया आजा रे छुप-छुप के
मिलन कब तक अँधियारों में? हो, ओ, आ, आ
ओ, दिलजनिया...

जो मिले था अँधेरों में, वो दिन के उजाले मिलेगा रे
जो मिले था अँधेरों में, वो दिन के उजाले मिलेगा रे
इन बेचैन हाथों से, ओ, प्यारी, तेरी घूँघट उठेगा रे

रोकेगा कैसे कोई? ओ

डाल के बाँहों में अपनी ले जाऊँगा मैं
गोरी, तुझको हजारों मे, हो, ओ, आ, आ
ओ, दिलजनिया...

आजा, मन की डगर पे तोहे चमेलिया की डाली सी लचकाऊँगा
आजा, मन की डगर पे तोहे चमेलिया की डाली सी लचकाऊँगा
इन बाँहों में भर के तोहे बिजुरिया सी रह-रह के चमकाऊँगा

है अब तो जी में यही, ओ

ढूँढ के छैय्याँ तारों की
मुख चूमूँ तेरा कहीं चल के बहारों में, हो, ओ, आ, आ
ओ, दिलजनिया...

ओ, दिलजनिया, लागे ना जिया तेरे बिना
गलियों में, चौबारों में, हो, ओ, आ, आ



Credits
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Majrooh Sultanpuri
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