Rafu

कैसे कैसे धागों से बुनी है ये दुनिया

हाँ कैसे कैसे धागों से बुनी है ये दुनिया
कभी धूप कभी बादलों की ये लड़िया

कुच्छ तूने सी है मैने की है रफू
ये डोरियाँ
कुच्छ तूने सी है मैने की है रफू
ये डोरियाँ

कैसे कैसे धागों से बुनी है ये दुनिया
कभी धूप कभी बादलों की ये लड़िया
कुच्छ तूने सी है मैने की है रफू
ये डोरियाँ

कुच्छ तूने सी है मैने की है रफू
ये डोरियाँ

हाँ तेरी बनी राहें मेरी थी दीवारें
तेरी बनी राहें मेरी थी दीवारें
उन दीवारों पे ही मैने लिख ली बहारें

शाम हुई तूजो आया सो गयी थी कलियाँ
फिर शाम हुई तूजो आया सो गयी थी कलियाँ
कुच्छ तूने सी है मैने की है रफू
ये डोरियाँ
कुच्छ तूने सी है मैने की है रफू
ये डोरियाँ

रे मा पा नि ढा पा मा पा
गा मा, ढा पा, गा मा, पा गा मा, रे सा नि रे
गा मा पा, गा मा, रे सा नि रे सा

यूँ सीते-सीते मीलों की बन गयी कहानी
यूँ सीते-सीते मीलों की बन गयी कहानी
कुच्छ तेरे हाथों से कुच्छ मेरी ज़ुबानी
अब जो भी है ये आधा पौना है तो रंगरलियाँ
अब जो भी है ये आधा पौना है तो रंगरलियाँ

कुच्छ तूने सी है मैने की है रफू
ये डोरियाँ
कुच्छ तूने सी है मैने की है रफू
ये डोरियाँ

हाँ कैसे कैसे धागों से बुनी है ये दुनिया
कभी धूप कभी बादलों की ये लड़िया
कुच्छ तूने सी है मैने की है रफू
ये डोरियाँ
कुच्छ तूने सी है मैने की है रफू
ये डोरियाँ



Credits
Writer(s): Santanu Ghatak
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