Aadmi Khilona Hai

ये मेला चार दिन का है, यहाँ जीने की हसरत क्या?
ये मेला चार दिन का है, यहाँ जीने की हसरत क्या?
पिघल जाए तो मिट्टी है, खिलौने की हक़ीक़त क्या?

बहुत मज़बूत हाथों में भी रह के छूट सकता है
बहुत मज़बूत हाथों में भी रह के छूट सकता है
खिलौने का भरोसा क्या, कभी भी टूट सकता है

रातें ढलती नहीं, दिन भी निकलता नहीं
उस की मर्ज़ी बिना पत्ता हिलता नहीं
रब जो चाहे वही तो होना हैं
आदमी खिलौना है, आदमी खिलौना है

रब जो चाहे वही तो होना हैं
रब जो चाहे वही तो होना हैं
आदमी खिलौना है, आदमी खिलौना है

ख़ुदी के साँचे में तुम ख़ुद को ढालते रहना
ख़ुदी के साँचे में तुम ख़ुद को ढालते रहना
कुआँ समझ के समुंदर खंगालते रहना

ना जाने कब यहाँ ख़ुशियों का दौर आ जाए
ना जाने कब यहाँ ख़ुशियों का दौर आ जाए
हर एक ग़म को सदा हँस के टालते रहना

जीना हैं हँस के हमें जीवन का हर पल
कोई ना जाने यहाँ क्या हो जाए कल
जीना हैं हँस के हमें जीवन का हर पल
कोई ना जाने यहाँ क्या हो जाए कल

हर ख़्वाब यहाँ पे सजोना हैं
हर ख़्वाब यहाँ पे सजोना हैं
आदमी खिलौना है (आदमी खिलौना है)

रब जो चाहे वही तो होना हैं
(आदमी खिलौना है) आदमी खिलौना है
(आदमी खिलौना है) आदमी खिलौना है



Credits
Writer(s): Saifi Nadeem, Rathod Shravan, Pandy Sameer (t)
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