Pahle Har Maheboob

ओए, पहले हर महबूबा जान-ए-जाँ बनती है

पहले हर महबूबा जान-ए-जाँ बनती है
फिर आशिक़ के बच्चों की माँ बनती है
मैंने ऐसा क्या कह दिया?
जो तू मुझसे रूठ गई

ए, पहले हर महबूबा जान-ए-जाँ बनती है
फिर आशिक़ के बच्चों की माँ बनती है
मैंने ऐसा क्या कह दिया?
जो तू मुझसे रूठ गई

उल्फ़त की ये क़समें, दुनिया की ये रस्में
ये रस्में, ये क़समें कोई तोड़ ना सका
उल्फ़त की ये क़समें, दुनिया की ये रस्में
ये रस्में, ये क़समें कोई तोड़ ना सका

पहले "ना" होती है, फिर "ना," "हाँ" बनती है
बातों-बातों में ये दास्ताँ बनती है
तो मैंने ऐसा क्या कह दिया?
जो तू मुझसे रूठ गई

देखो तो ये कलियाँ, ये फूलों की गलियाँ
ये कलियाँ, ये गलियाँ तुमसे कहती हैं
देखो तो ये कलियाँ, ये फूलों की गलियाँ
ये कलियाँ, ये गलियाँ तुमसे कहती हैं

छोटी सी कली की नन्ही सी जाँ बनती है
फिर ये कली खिलकर गुलसिताँ बनती है
मैंने ऐसा क्या कह दिया?
जो तू मुझसे रूठ गई

ए, पहले हर महबूबा जान-ए-जाँ बनती है
फिर आशिक़ के बच्चों की माँ बनती है
मैंने ऐसा क्या कह दिया?
जो तू मुझसे रूठ गई



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Rahul Dev Burman
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